Tuesday, September 21, 2010

बाबा नागार्जुन की याद


करीब २० साल पहले की बात है। तब मैंने पत्रकारिता शुरू की थी। बाबा नागार्जुन किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने देहरादून आये थे। बड़े भाई जनकवि अतुल शर्मा ने बाबा से मुलाकात करवाई थी। उसके बाद पांच दिन तक बाबा का सानिध्य रहा। उन्हें बहुत करीब से जानने का मौका मिला। उस समय बाबा के साथ की मेरी यह तस्वीर भाई अतुल शर्मा ने सहेज कर राखी थी। २० साल बाद फिर से देहरादून लौटा तो भाई अतुल शर्मा से मिला। उनके खजाने में हम दोनों कई घंटे तक जूझते रहे। तब कहीं जाकर यह तस्वीर मिली; पूरी तरह से सुरक्षित। भाई अतुल शर्मा का किन शब्दों में आभार व्यक्त करूँ? उनके इस प्यार और अपनेपन को हमेशा याद रखूँगा.

बाबा नागार्जुन के जन्मशती वर्ष में उनकी इस स्मृति को

आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ। _ त्रिलोचन भट्ट

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बसुकेदार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड, India
रुद्रप्रयाग जिला के बसुकेदार गाँव में श्री जनानन्द भट्ट और श्रीमती शांता देवी के घर पैदा हुआ। पला-बढ़ा; पढ़ा-लिखा और २४साल के अध्धयन व् अनुभव को लेकर दिल्ली आ गया। और दिल्ली से फरीदाबाद। पिछले १६ साल से इसी शहर में हूँ। यानी की जवानी का सबसे बेशकीमती समय इस शहर को समर्पित कर दिया, लेकिन ख़ुद पत्थर के इस शहर से मुझे कुछ नही मिला.