
लाल, हरा, पीला, नीला, बैंगनी....
यही कुल मिलाकर सात रंग
कुल सात रंगों में रची-बची होली
बस सात रंग
पर जब होली नहीं होती
असली रंग तो तब दिखते हैं
आदमी के चेहरे पर
आदमी की फितरत में
आदमी की बातों में
आदमी के मंसूबों में
एक ही रंग में कई रंग
सब कुछ गड्ड-मड्ड
चेहरे पर उजला
बातों में सुनहरा
मुस्कान गुलाबी
और भी न जाने कितने-कितने
खूबसूरत... रंग
पर
सब रंगों के भीतर
कहीं उथले तो कहीं गहरे में
सिमट कर बैठा गहरा काला रंग
इस प्रतीक्षा में कि
समय मिले और
मटियामेट कर दे
सभी रंगों का अस्तित्व ...